Wednesday, October 20, 2010

प्यारा रिश्ता कभी पराया नहीं बन सकता,

प्यारा रिश्ता कभी पराया नहीं बन सकता,

फूल की तरह, उसकी खुशबू दिखाई नहीं देती मगर वह होती जरुर है,

हवा भी होती है मगर दिखाई नहीं देती, जो दिखाई नहीं देती वही इश्वर की संगत होती है,

याद भी दिखाई नहीं देती किन्तु अहसास दिलाती रहती है,

करीब होते है तब न याद होती है न कीमत,

दूर रहते है तब ही इन दो बातों की कदर होती है,

अगर कदर न हो कभी, वह रिश्ता प्यारा नहीं होता,