Saturday, October 23, 2010

दिल का फूल

उल्फ़त की बहारों में, 
हुस्न के चमन में,
प्रेमदिलों की राहों में, 
ख्वाबों, ख्यालों में,
हर हाल में, 
होंठों पे जो गुल मुस्कुरातें है, 
वह सही चाहत के, 
सुहासित सुमन होते है, 
जो सिर्फ दिलों में खिलते है, 
जिसे, 
दिल का फूल कहते है,

(श्री हरीश खेतानी "हरि")

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