उल्फ़त की बहारों में,
हुस्न के चमन में,
प्रेमदिलों की राहों में,
ख्वाबों, ख्यालों में,
हर हाल में,
हर हाल में,
होंठों पे जो गुल मुस्कुरातें है,
वह सही चाहत के,
सुहासित सुमन होते है,
जो सिर्फ दिलों में खिलते है,
जिसे,
दिल का फूल कहते है,
(श्री हरीश खेतानी "हरि")
(श्री हरीश खेतानी "हरि")
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