Sunday, December 2, 2012

तो! जीवन में उदासीनता हरगिज न होती,

सभ्यता से भरे हुए जीवन की भव्यता,
मेहनत से भरे हुए जीवन की महानता,

काश! ऐसी सुंदरता हर जीवन में होती,
यदि ऐसी उदारता एकएक ह्रदय में होती,
तो! जीवन में उदासीनता हरगिज न होती,

( श्री हरीश खेतानी "हरि" )

1 comment:

Anonymous said...

It's True.